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Showing posts from January, 2020

हिन्द से हिन्दी

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हिन्द से हिन्दी लब खोलूँ तो आवाज बन जाऊँ हर अक्षर की मुस्कान बन जाऊँ अपनी ही माटी से शब्द बनाकर हिन्द देश की पहचान बन जाऊँ, मेरी भाषा हिन्दी बचपन हिन्दी है प्यार मेरा हिन्दी जवानी हिन्दी है जन्म हिन्दी से मृत्यु भी हिन्दी से हमारी संस्कृति की रीति हिन्दी है, आधार भाषा की विटप चेतन से ध्वनि की भाषा में व्योम-कण से भिन्न शब्दों की वाक्य भिन्न-भिन्न एकता की पहचान होती हिन्द से।                                 रचयिता चैतन्य कुमार, सहायक शिक्षक, मध्य विद्यालय तीरा, ग्राम+पत्रालय:- तीरा खारदह, प्रखण्ड:- सिकटी, भाया:- कुर्साकाँटा, जिला:- अररिया, राज्य:- बिहार।

बेटी हूँ मैं

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बेटी हूँ मैं बीज हूँ मैं तो दफ़न कर दो मुझे मिट्टी में तुम। उग आऊँगी, हरे खेत बन कहीं, लहलहाऊँगी। खिल उठूँगी, किसी फुलवारी में फूल बनकर। चहचहाऊँगी, किसी बाग़ में कहीं पंछी बन के। गुनगुनाऊँगी, किसी मुहाने पर, झरना बन। खिलखिलाऊँगी किसी आँगन में बन, नन्हीं कली। महक जाऊँ इन फ़िज़ाओं में खुशबू बन। मिल जाएँ गर, होंसलों के पंख मुझे, मैं उड़ूँगी। आसमाँ से दूर कहीं अनन्त में सितारा बन। चमक उठूँगी, सुनहरी धूप बन के सूरज बन। बेटी हूँ मैं जन्म लेने तो दो मुझे एक बार। वादा है मेरा, खुशियों से भर दूँगी तुम्हारा घर संसार। रचयिता अंजना कण्डवाल 'नैना' रा0 पू0 मा0 वि0 चामसैण, विकास क्षेत्र-नैनीडांडा, जनपद-पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड।

महिला सशक्तीकरण , रंजना अवस्थी फतेहपुर

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महिला सशक्तीकरण , रंजना अवस्थी फतेहपुर *👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-178* *मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी* (दिनाँक- 22 दिसम्बर 2019)  *नाम:-रंजना अवस्थी* *पद :-सहायक अध्यापिका* विद्यालय:- पू०मा०वि० बेंती सादात विकास खण्ड-भिटौरा, जनपद- फ़तेहपुर *सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-* 👉 मैं रंजना अवस्थी सहायक अध्यापिका पू०मा०वि० बेंती सादात विकास खण्ड-भिटौरा, जनपद- फ़तेहपुर से।  मेरी नियुक्ति 23 मार्च-1999 को प्राथमिक विद्यालय चक काजीपुर, विकास खण्ड- असोथर, जिला-फतेहपुर के अति पिछड़े इलाके में हुई। जो मेरी इच्छा के विरुद्ध थी, पर मम्मी पापा के कहने पर जब तक कहीं औऱ नियुक्ति नहीं होती तब तक कर लो फिर छोङ देना।  मैं टीचर नहीं बनना चाहती थी, पर मैने वहाँ देखा कि बच्चे पढ़ना   चाहते थे वो सीखना चाहते थे, ये मेरे लिए बहुत ही अच्छी बात थी। मैं उनके  साथ मित्रवत हो गई बातचीत औऱ खेल को ही मैंने अपना जरिया बनाया। उनके निश्छल स्वभाव व प्यार ने मुझको ऐसा बाँधा कि मैं भूल गई कि मुझे टीचर न...

गणित का जादूगर

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गणित का जादूगर आओ जानें गणित के जादूगर को, 22 दिसम्बर इरोड तमिलनाडु में जन्मे श्री निवास रामानुजन को। प्रश्नों को पूछना, उत्तर जानना जिज्ञासा की गुत्थी सुलझाना। संसार का पहला पुरुष कौन? पृथ्वी बादल की दूरी पर गुरु भी मौन! भागफल क्या होगा! शून्य का शून्य से भाग देकर? स्कूल समय में काॅलेज की मैथ्स पढ़ डाली। पूत के पाँव पालने में झलक कर डाली। गणित में मिला ना कोई विशेष प्रशिक्षण!! दे संख्या सिद्धांत किया विश्लेषण। कक्षा 11वीं से पाँच वर्ष संघर्ष भरे, स्वयं पर विश्वास से प्रयत्नशील रहे। प्रथम शोध रहा बरनौली संख्याओं के गुण, जर्नल ऑफ इंडियन मैथेमेटिकल सोसायटी में प्रकाशन। प्रोफेसर हार्डी, श्री निवास के बने जौहरी, रामानुजन   हीरे  के  थे    पारखी। हार्डी से मिला 100/100 का पैमाना, नतमस्तक हुआ श्री निवास की प्रतिभा का जमाना। गणित चिर जीवनकाल में रहा विलक्षण, 3,884  प्रमेयों का किया संकलन। मात्र 33 वर्ष की आयु में भारत ने खोया लाल, जिसकी विद्वता से संपूर्ण विश्व निहाल। 22 दिसम्बर दिन गणित दिवस से देते हैं सम्मान, नमन आपको विश्व के...

कृषक की व्यथा

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कृषक की व्यथा कहलाता वो अन्नदाता  है, मिट्टी से सोना उगाता है। मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ वो तृप्त करे  दूसरों को, पर खुद भूखा सो जाता है। मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ हाड़ कपाऊँ ठंड हो या हो प्रचंड गर्मी प्रतिकूल मौसम भी उसे डरा ना पाता है॥ मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ श्रम से हरगिज हार ना माने, पर अभावों से क्यूँ टूट जाता है? मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ कृषि प्रधान कहाता अपना देश, फिर क्यूँ कृषक फांसी चढ़ जाता है॥ मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ वो ना हो तो सोचो क्या होगा? ? जो खुद की बलि दे हमें खिलाता है॥ मेहनत से वो ना डरे कभी, वसुंधरा ही उसकी माता है॥ रचयिता  गीता यादव, प्रधानाध्यपिका, प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर, विकास खण्ड-देवमई, जनपद-फ़तेहपुर।

हे! अन्नदाता तुमको नमस्कार

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हे! अन्नदाता तुमको नमस्कार सोने चाँदी से नहीं किन्तु तुमने मिट्टी से किया प्यार। खून पसीना बहा बहाकर, हरित क्रांति की लाते बहार। हे अन्नदाता-----------------। आज के दिन ही जन्मा था भारत में इक मानव महान। सातवें प्रधानमंत्री देश के चौ0 चरण सिंह था जिनका नाम। हे! अन्नदाता-------------------। कृषि कार्यों से जुड़ा हुआ था उनका निज का पूरा परिवार। इसीलिए वे कृषक वर्ग से, करते थे वे जी भर प्यार।। हे! अन्नदाता---------+-------।। अपने शासनकाल में उन्होंने कृषक वर्ग पर दिया था ध्यान। हरित क्रांति लाने की खातिर, उन्हें समर्पित यह दिन आज।। हे! अन्नदाता-------------------। चिलचिलाती धूप हो क्वार माह की या हो ओलों की बौछार। सर्दी सहते पौष मास की, शस्य श्यामला करते तैयार।। हे! अन्नदाता----------------।। श्वेत क्रांति और हरित क्रांति के तुम सब हो मूल आधार। रोशन करके नाम देश का, हरित क्रांति की लाते बहार।। हे! अन्नदाता---------------।। २३दिसम्बर का पुनीत पर्व यह खुशियों से हम मनाते   आज। किसान दिवस के रूप में इनको नमन  कर रहे हम  सब आज।। ...

अटल रहे जीवन में

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अटल रहे जीवन में जन्म बटेश्वर धाम तुम्हारा ग्वालियर में तुम पले बढ़े। योग्य पिता के योग्य पुत्र तुम, राष्टभक्ति से गये गढ़े।। जन-जन के तुम रहे दुलारे, भारत रत्न हमारे हो। शुचिता का मार्ग दिखाने वाले मातृभूमि के प्यारे हो।। दृढ़ संकल्प हृदय में लेकर। परमाणु परीक्षण कर डाला।। शक्ति समाई कड़-कड़ में। ओज शौर्य से भर डाला।। कारगिल पर विजय प्राप्त की दुनिया ने लोहा माना। पाकिस्तान भी थर-थर काँपा, ब्रह्मतेज को पहचाना।। पत्रकार तुम रहे अलौकिक, सम्पादन का कार्य किया। स्वदेश, राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य, अर्जुन नवल प्रकाश दिया।। श्रेष्ठ योजना राष्ट्रहितों की, कितनी नयी निकाली। स्वर्ण- चतुर्भुज सड़क बनाई, दी कोंकण रेल निराली।। सुंगध तुम्हारी अब तक फैली, अंत्योदय को लाने वाले। अटल विहारी अटल रहोगे, भारत में कमल खिलाने वाले।     रचयिता रामकिशोर प्रजापति, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय विरहटा,  विकास खण्ड-चिरगाँव,  जनपद -झाँसी (उ.प्र.)     7007382653

महिला सशक्तीकरण विशेषांक,प्रीति श्रीवास्तव ,जौनपुर

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महिला सशक्तीकरण विशेषांक,प्रीति श्रीवास्तव ,जौनपुर *👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-179*     *मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी* (दिनाँक- 25 दिसम्बर 2019) *नाम-प्रीति श्रीवास्तव* पद- सहायक अध्यापक विद्यालय-पू. मा. विद्यालय रन्नो, बक्शा, जौनपुर  *सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-* 👉 *सियाह रात नहीं नहीं लेती नाम ढलने का*  *यही तो वक्त है सूरज तेरे तेरे निकलने का*  प्रीति श्रीवास्तव (स.अ.)  प्रथम नियुक्ति -14.12.02 प्रा वि लालानगर, औराई  जनपद भदोही  वर्तमान नियुक्ति - 19.09.13 पू. मा. विद्यालय रन्नो  बक्शा, जौनपुर  मुझे शुरू से ही अध्ययन-अध्यापन पसंद था सौभाग्य से मेरी इच्छा फलीभूत हुई 2002 में भदोही जनपद मे प्रा. वि. लालानगर में स.अ. पद पर नियुक्ति के साथ जहां पर पहले ही दिन से मैंने बच्चों में बदलाव के संभावित उपायों पर काम करना प्रारंभ कर दिया| कक्षा-कक्ष की गतिविधियों में नवीन उपायों पर प्रयोग करते हुए योग करने, कठपुतली के माध्यम से कविता ...

CHRISTMAS

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CHRISTMAS    Christmas christmas come along the winters... And it blossoms once in a year..... We wait for Santa, We wait for Gifts.... We wait to make a chubby little snowman (×2) It's christmas night and the moon is bright!! In a dark room with no flash light!! Then to the cold night, Santa springs... To place  the presents that he brings!!! Christmas Christmas come along the winters... And it blossoms once in a year.... We wait for Santa, We wait for Gifts... We wait to make a chubby little Snowman (×2) Written by Aasiya Farooqui, Principal, Pdimary School Asti, City Area-Fatehpur, District-Fatehpur.

खुशियों का बड़ा दिन

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खुशियों का बड़ा दिन तर्ज - जिंगल बेल जिंगल बेल  सेंटा क्लाज सेंटा क्लॉज आया सेंटा क्लॉज हर बच्चे को खुशियाँ देता उसका यही मिजाज़ दिसंबर की 25 को आया वो बड़ा दिन माँ मरियम के पुत्र यीशु का मनाया जन्मदिन अज्ञानता और मानव के दुख का नित्य किया था ह्रास परमेश्वर के दूत ने दुख को कम करने का किया प्रयास। सेंटा क्लॉज सेंटा क्लॉज आया सेंटा क्लॉज हर बच्चे को खुशियाँ देता उसका यही मिजाज़ सादा जीवन जीकर ईसा ने जलाया ज्ञान का चिराग बढ़ती ख्याति ईसा की किया यहूदियों को निराश चढ़ा खुद सूली पर दिया दुनिया को प्रकाश कठिनाई का करो सामना न करो सन्मार्ग का त्याग सेंटा क्लॉज सेंटा क्लॉज आया सेंटा क्लॉज हर बच्चे को खुशियाँ देता उसका यही मिजाज़ सामाजिक सदभाव बढ़ाकर अमन का करो विकास मानव का मानवता से न उठ जाए विश्वास पवित्रता का संदेश मिले हो भेद - भाव का नाश क्रिसमस का दिन लाए विश्व में उत्साह और उल्लास सेंटा क्लॉज सेंटा क्लॉज आया सेंटा क्लॉज हर बच्चे को खुशियाँ देता उसका यही मिज़ाज रचयिता अर्चना अरोड़ा, प्रधानाध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय बरेठर खुर्द, विकास खण्ड-खजुह...

अटल

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अटल काल के कपाल पर, जो लिखता, मिटाता था। मौत से लड़ने का, हुनर उसे आता था। बातें उसकी अंदाज निराला, सबके मन को भाता था भारत रत्न, सिरमौर वह, अटल नाम कहलाता था। पंचतत्त्व से बना शरीर ये, पंचतत्त्व मे मिल जाएगा। अटल सत्य है, अटल बात, अटल नाम रह जाएगा। दृढ़ - विचार और दृढ़ - शक्ति का, पाठ पढ़ा जब जाएगा। मन - मस्तिष्क के अंतरिक्ष में, बस याद अटल ही आएगा। राजनीति को काव्य - धारा में, वह बहा ले जाता था। अंतर्मन से, चितवन - चित, सबको चित कर जाता था। शून्य से उठाकर राजनीति को, जो शिखर तक लाता था। भारत - रत्न, सिरमौर वह, अटल नाम कहलाता था। अटल नाम कहलाता था... रचयिता डॉ0 ललित कुमार, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,  विकास खण्ड-लोधा,  जनपद-अलीगढ़।

नाम अटल कहलाता था

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नाम अटल कहलाता था देवतुल्य वह व्यक्ति हमेशा; भारत के गुण गाता था। अटल वचन था अटल शख्सियत; नाम अटल कहलाता था।। पिता एक अध्यापक थे पर; कवि हृदय भी पाया था। साहित्यिक गुण भी तो शायद; सुनो वहीं से आया था। पढ़ना और पढ़ाना ही बस; उनके मन को भाता था। अटल वचन था, अटल शख्सियत; नाम अटल कहलाता था।। प्रखर बुद्धि, ओजस्वी वक्ता; शिक्षा-दीक्षा खूब हुई। आजीवन अविवाहित थे वो; देशभक्ति महबूब हुई।। मातृभूमि पर मर मिटना था; उससे ही बस नाता था। अटल वचन था अटल शख्सियत; नाम अटल कहलाता था।। मुखिया बने देश के जब-जब; मातृभूमि का हित साधा। सिंह गर्जना करते थे जब; मिट जाती थी सब बाधा।। किया यहाँ परमाणु परीक्षण; जग उनसे थर्राता था। अटल वचन था, अटल शख्सियत; नाम अटल कहलाता था।। चार दशक ओजस्वी वाणी; इस संसद में गूँजी थी। सरल हृदय मन में सच्चाई; बस ये उनकी पूँजी थी।। बच्चों जैसा मन था उनका; केवल सत्य सुहाता था। अटल वचन था, अटल शख्सियत; नाम अटल कहलाता था।। चले गये वो हमें छोड़कर; मार्ग सत्य का दिखलाकर। स्वाभिमान से जिएँ किस तरह, सबक अनोखा सिखलाकर।। जी भरकर वे जिये उम...

O! Senta Claus

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O! Senta Claus Senta Claus, O Senta Claus... My dear old Senta Claus.... flowers blooming in the air, Blossoming buds looks very fair, Birds are chirping in their nest, Everyone in mood of fest, Waiting still here we all, Snow is ready to fall, On green ground spreading vast, Jingle bells are ringing fast, Twinkling stars in the night, With white moon shining bright, Gifts, balloons, candles and lights Sweets, cakes delicious delight, Christmas trees with glorious sight, Wishes & Prayers for that Might, Land is full with pearls of dew, Moments are left very few, Earth is ready to welcome, Senta Claus please do come, Composed by: Supriya Singh, Incharge Head Teacher, Primary School Baniyamau 1st, Block-Machhrehta, District-Sitapur.

मानवता भरा क्रिसमस

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मानवता भरा क्रिसमस क्रिसमस आया! क्रिसमस आया! देखो! कितनी खुशियाँ लाया। जन्मदिन प्रभु ईसा मसीह का, ईसाई पर्व श्रद्धा- भक्ति का। गाये जा रहे हैं चर्च में कैरल, जन्मोत्सव के जलते कैंडल। तारे- सितारे, कार्ड, लड़ियों से घर- घर में क्रिसमस ट्री सजे, उन पर टाॅफी, चॉकलेट, कैंडी बँधें। और इच्छा, अरमानों के मोजे भरे। संत निकोलस की यह प्रथा,  देखो खुशियाँ बाँट रहा संता।  रेंडियर   पर  हो  के   सवार, ठंडी बर्फिली हवाओं के पार। संता    लाये   ढेरों   उपहार, हर ओर जिंगल बेल्स की गूंजार। कोई  भी  हो  जाति  या  धर्म, पर उच्च हो मानवता कर्म। सब  मिलकर  करें  प्रयास,  कोई  न हो दु:खी -उदास , मैरी क्रिसमस बन जाए खास। क्रिसमस आया! क्रिसमस आया! देखो! कितनी खुशियाँ लाया।। रचयिता प्रियंशा मौर्य, सहायक अध्यापक, कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार, विकास क्षेत्र-देवकली, जनपद-गाजीपुर।

क्रिसमस

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क्रिसमस आओ प्रेम का दीप जलाएँ, प्रभु ईशु को शीश झुकाएँ। मानव धर्म के लिए बलिदान दिया, मानव जाति रक्षा को जन्म लिया।। 25 दिसम्बर ईशु मसीह को समर्पित, बच्चों के लिए यह है पूरा दिन अर्पित। बड़ा दिन भी इसको कहते, सभी मिलकर संग -संग मनाते।। सांता का रहता बच्चों को इंतजार, मिलते उनको जो उपहार हज़ार। बच्चों के सपने जो पूरे होते, सांता बन जब किसी को पाते।। केक काटकर खुशी मनाएँ, टॉफी, चॉकलेट भी खूब पाएँ। गिरिजाघर में प्रार्थना करें, ईशु प्रभु को याद करें।। रचयिता रीना सैनी, सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय गिदहा, विकास खण्ड-सदर, जनपद -महाराजगंज।

पंडित मदन मोहन मालवीय

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पंडित मदन मोहन मालवीय 25 दिसम्बर 1861, जन्मे प्रयागराज। महामना मदन मोहन मालवीय भारत के सरताज।। B.H.U के रहे प्रणेता, वकील और पत्रकार। दृढ निश्चयी और मृदुभाषी, राष्ट्र सेवा को तैयार।। इस युग के आदर्श पुरुष, भारत रत्न महान। आत्म त्याग में अद्वितीय थे, भारत माँ की शान।। सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति में ऊँचा स्थान। महामना कहलाये मालवीय, कर्मठता पहचान। आज आपके जन्म दिवस पर देते सभी बधाई। दिगदिगन्त सब प्रमुदित है और कली कली मुस्काई। रचयिता राजकुमार शर्मा, प्रधानाध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार, विकास खण्ड-मऊ, जनपद-चित्रकूट।

महामना मदन मोहन मालवीय

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महामना मदन मोहन मालवीय जन्म प्रयागराज में हुआ था ब्रजनाथ मालवीय पिता रहे माता मोना देवी थीं जिनकी सपूत मदन मोहन मालवीय रहे। थे महान देशभक्त और ज्ञानी शिक्षक पद सुशोभित किए शिक्षक पद को दिया त्याग कुशल अधिवक्ता वे हुए। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना किए बनारस में भारत-रत्न से हुए सम्मानित राष्ट्रवीर वो भारत में।           रचयिता अरविन्द कुमार सिंह, सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,  विकास खण्ड-बड़ागाँव, जनपद-वाराणसी।

महिला सशक्तिकरण ,नाज़िया तबस्सुम ,मुरादाबाद

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महिला सशक्तिकरण ,नाज़िया तबस्सुम ,मुरादाबाद * 👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-180 * * मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी * (दिनाँक- 26 दिसम्बर 2019) नाम-नाज़िया तबस्सुम पद- प्रधानाध्यापक विद्यालय- प्रा वि भोजपुर धर्मपुर ब्लाक भगतपुर टांडा जनपद मुरादाबाद * सफलता एवं संघर्ष की कहानी :- * 👉 मंज़िल से आगे बढ़कर मंज़िल तलाश कर ।। मिल जाए तुझ को दरिया तो समुन्दर तलाश कर ।। मिशन शिक्षण संवाद टीम को मेरा प्यार भरा आदाब ।। मेरी प्रथम नियुक्ति 30 जनवरी 2009 को ब्लॉक डिलारी जनपद मुरादाबाद में प्रा .वि. मानपुर साबित में हुई थी मै जब वहां पहुंची तो पाया की वहां की हालत तो बहुत ही ज़्यादा ख़राब है । वहां न बच्चों के बैठने के लिए टाट पट्टी थी और न ही टीचर्स के लिए फर्नीचर, मिड डे मील की बात करू तो उफ़्फ़् सिर्फ उबले हुए चावल, कुछ भी तो नही था,विद्यालय की हालत इतनी ज़्यादा ख़राब थी कि उसके 2 कक्षा कक्षों में जानवर बंधा करते थे। नामांकन बहुत ज़्यादा और बच्चे न की बराबर । फिर शुरू हुई एक नयी मुहीम 💐 सबसे पहले तो मैं बच्चों के लिए टाट पट्टी लेकर आई...

अनमोल रत्न राजेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय रांकौली, नंदगांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश

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३९६~ राजेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय रांकौली, नंदगांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश 🏅 अनमोल रत्न🏅 मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- मथुरा से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई राजेश कुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से अति दुर्गम क्षेत्र के विद्यालय में बालिका शिक्षा को मजबूत बना कर, विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बना दिया है जो हम सभी के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है। आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2523949971215918&id=1598220847122173 👉1..शिक्षक का परिचय:- राजेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय रांकौली, नंदगांव, मथुरा, उत्तर प्रदेश प्रथम नियुक्ति: 27/12/2005 👉2. विद्यालय की समस्याए:- मेरा विद्यालय जिले की अंतिम सीमा तथा राजस्थान की सीमा से लगा अंतिम एवं दुर्गम विद्यालय है यहाँ बच्चों कि पढ़ाई के प्रति लोगों का झुकाव बहुत कम है और यदि है भी तो केवल बेटों को पढ़ाने की विचारधारा बलबती है बेटियों को घर के का...

बाल-सितारा

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बाल-सितारा तुझमें ही देखूँ ईश्वर का रूप ज्ञान का धारा तुसमें बहता है, आकार इस जग के स्वरुप से शून्य का ईश्वर तुझमें बसता है! तुझमें विज्ञान छलक-छलक कला निखर-निखर उभरता है, चंद उत्कृष्टता का वैभव पाकर बाल-सितारा बन निखरता है! पौष्टिकता का व्यंजन स्वाद आर्थिक सहायता भी पाता है, पोशाक की हरियाली पाकर ज्ञान का भण्डार भी बढ़ाता है! खेल-व्यायाम से स्वस्थ रहना शारीरिक लाभ यहाँ पाता है, सांस्कृतिक मंच विकसित कर जीवन संस्कृतिमय बनाता है!!                           रचयिता चैतन्य कुमार, सहायक शिक्षक, मध्य विद्यालय तीरा, ग्राम+पत्रालय:- तीरा खारदह, प्रखण्ड:- सिकटी, भाया:- कुर्साकाँटा, जिला:- अररिया, राज्य:- बिहार।

सूर्यग्रहण

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सूर्यग्रहण मम्मी ने पापा से बोला, कल पड़ेगा सूर्य - ग्रहण। मन मेरा तो कौंध गया था, अभी पड़ा था चन्द्र ग्रहण। पूछा जब मैंने मम्मी से, क्या होता है सूर्यग्रहण। डपट दिया मम्मी ने, ये कहकर, जाओ पापा की शरण। क्या होता है सूर्यग्रहण, जब पूछा मैंने पापा से। पापा ने भी टाल दिया, और बोले पूछो टीचर से। टीचर जी से पूछा, जब मैंने हौले, वह मन ही मन मुस्काकर बोले। बच्चों तुमको नहीं हैं फँसना, ये तो है विज्ञान की घटना। पृथ्वी घूमी, चंदा घूमा, पर न घूमा सूरज। इसी बात का झगड़ा बच्चों, मन में रखो तुम धीरज। घूम, घूमकर आते जब ये, तीनों एक दिशा पर। तब छाया पड़ती चंदा की, अपनी प्यारी वसुधा पर। पृथ्वी के जिस भाग में बच्चों, चंदा की छाया आयी. पृथ्वी के उस भाग से सूरज, देता नहीं दिखायी। प्यारे बच्चों बात पते की अब तुम इसे समझ लो। सूर्यग्रहण पड़ता कैसे है, मन-मस्तिष्क में भर लो। मन - मस्तिष्क में भर लो। रचयिता डॉ0 ललित कुमार, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,  विकास खण्ड-लोधा,  जनपद-अलीगढ़।

सूर्यग्रहण

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सूर्यग्रहण एक दिन बोले चन्दू भैया, क्या होता ये सूर्यग्रहण है? कौन है जो सूरज को ढकता, कैसे नहीं हमें वो दिखता? मम्मी कहतीं अन्दर रहना, सूरज को भी नहीं देखना। अरे कोई तो हमें बताओ, कैसे बूझें ये पहेली बताओ? प्यारे बच्चों सब मिल आएँ, सूर्यग्रहण को हम समझाएँ। मैम ये बोली बच्चों से जब, खिले सभी के चेहरे थे तब। बच्चों पहले हम ये जानें, क्या हैं सूर्य चाँद और तारे? सूर्य एक चमकीला तारा, सौरमण्डल परिवार में न्यारा। पृथ्वी और सात ग्रह काटें चक्कर, सूरज की कक्षा में जमकर। चंदा मामा एक उपग्रह, पृथ्वी के जो मारे चक्कर। इसी दौड जब चंदा मामा, सूरज धरा के बीच में आते। चंदा की छाया पडती पृथ्वी पर, यही तो बच्चों सूर्यग्रहण है। तीन तरह का होता सूर्यग्रहण आओ बच्चों अब ये जानें चाँद की छाया पूरी पृथ्वी पर यह ही बच्चों पूर्णग्रहण है आंशिक चन्द्रछाया पड़े पृथ्वी पर तब बच्चों ये आंशिक ग्रहण है मध्य भाग जब ढके सूर्य को तब होता वलयाकार ग्रहण है डरना क्या है इससे बच्चों ये तो प्रकृति का अटल नियम है ध्यान रखो बस सूर्यग्रहण को, नंगी आँख कभी मत देखो। देखना ही हो तो बड़ों क...

महिला सशक्तिकरण ,अमिता श्रीवास्तव ,झाँसी

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महिला सशक्तिकरण ,अमिता श्रीवास्तव ,झाँसी *👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-181* *मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी* (दिनाँक- 27 दिसम्बर 2019)    नाम-अमिता श्रीवास्तव     पद-सहायक अध्यापक    विद्यालय -परिषदीय आदर्श कन्या जूनियर हाई स्कूल     नगर क्षेत्र झांसी  *सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-* 👉 1-प्रथम नियुक्ति 19- 5 - 9 9  वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति :    6-7- 2011 2.  विद्यालय की समस्याएं बच्चों का विद्यालय में  कम  आना तथा विद्यालय में  नीरसता  होना। 3. विद्यालय की समस्याओं का समाधान : 1) स्वयं  व इंचार्ज  प्रधानाध्यापिका में रुचि लेने लगे। 2) जूनियर हाइस्कूल मे बालिकाओं के लिए मीना मंच चलाया जा रहा है, मैं सुगम करता हूं । बालिकाओं को शिक्षाप्रद नाटक , क्राफ्ट ,प्रेरणा गीत, हारमोनियम पर प्रार्थना बजाना आदि क्रियाकलाप मेरे द्वारा कराए जाते हैं। मैंने मीना जन्मदिवस पर बालिकाओं द्वारा आका...

संयुक्त परिवार

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संयुक्त परिवार कितने सुन्दर कितने प्यारे, संस्कार वहाँ पर मिलते थे। दृश्य मनोरम होता था जब, साझे चूल्हे जलते थे।। चाचा-ताऊ, बुआ-भतीजा, और न जाने कितने रिश्ते। हमको तब लगता था मानो, मिले हमें अनगिनत फरिश्ते।। साझे परिवारों का चलन था, स्वार्थ वहाँ कम मिलते थे। दृश्य मनोरम होता था जब, साझे चूल्हे जलते थे।। बड़े-बुजुर्गों के हाथों में, अनुशासन की डोर थी। सबको मजबूती से बाँधे, कड़ी नहीं कमजोर थी। घर का मुखिया सर्वमान्य था, रोज देव कब गढ़ते थे। दृश्य मनोरम होता था जब, साझे चूल्हे जलते थे।। दादी का तब लाड़ बहुत था, हम बाबा के प्यारे थे। दूध, दही की नदियाँ बहती, खेल-खिलौने न्यारे थे।। टीवी वीडियो गेम नहीं थे, खेल कबड्डी चलते थे। दृश्य मनोरम होता था जब, साझे चूल्हे जलते थे।। रोजगार की खातिर सब, अपनों से कितने दूर हुए। भूल चुके अपनापन मानो, दिल में नये फितूर हुए।। एकाकी परिवार हुए जो, साझे सपने बुनते थे। दृश्य मनोरम होता था जब, साझे चूल्हे जलते थे।। साथ नहीं रह सकते यदि हम, कुछ नैतिक माहौल बनाएँ। घर के बड़े बुजुर्गों का हम, बच्चों से सम्मान कराएँ।...

एक वीर-परमवीर

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एक वीर-परमवीर सूर्य का प्रकाश हुआ गहरा, सागर का भी जल है ठहरा। कर्मवीर के भाग्य को देख, रो पडे आकाश के मेघ। छलनी है आज उसका शरीर, फिर भी देखो अडिग है शूरवीर। शान से देखो बढ चला, करने राष्ट्र का भला। दुश्मनों के तीर न हुए खत्म, टूट गये खुशियों के भ्रम। हाथ लिए तिरंगा, धरती की गोद में वह सोता है, ऐसे वीर को खोकर धरती माँ का दिल रोता है। रचयिता सुमन शर्मा, इं. प्रधनाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय मांकरौल, विकास खण्ड - इगलास, जनपद - अलीगढ़।

महिला सशक्तीकरण , पूनम अवस्थी, फतेहपुर

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महिला सशक्तीकरण 182, पूनम अवस्थी, फतेहपुर * 👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-182 * * मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी *(दिनाँक- 30 दिसम्बर 2019) नाम- श्रीमती पूनम अवस्थी पद- प्रधानाध्यापिका विद्यालय- प्राथमिक विद्यालय जोगापुर देवमई, फ़तेहपुर। * सफलता एवं संघर्ष की कहानी :- * 👉 वर्तमान विद्यालय में नियुक्ति- 05/08/2016 💁🏻 मेरी नियुक्ति के समय विद्यालय में छात्र नामांकन अति न्यून था। उस वक्त नामांकन के रूप में मात्र 44 छात्रों का ही नामांकन था। विद्यालय का भौतिक परिवेश बहुत ही अस्त व्यस्त था। विद्यालय की ये दशा देखकर मुझे बड़ा असहज लगा। किन्तु मैंने हिम्मत न हारी और सकारात्मक सोच के साथ लग गयी विद्यालय को संवारने में। मेरे द्वारा बच्चों व विद्यालय के हित में बहुत से कार्य किये गए, जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य निम्नवत हैं- 1. मैं बच्चों के साथ सहज व्यवहार कर उनसे घुलने का प्रयास करने लगी। 2. प्रार्थना सभा को प्रभावी बनाने के   लिए प्रार्थना को सुर और ताल के साथ एवं व्यायाम को ढ़ोल के साथ रोचक ढंग से कराना प्रारम्भ किया। 3. ग...

Don't take it otherwise

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Don't take it otherwise Don't take it otherwise. Because I am not so wise. The new year about to come. People are ready for welcome.   It's passed lovely Christmas. Enjoy and take so much fun. Take care and feed the Poor's. In their lives, wipe their tears.   You will be great for them. Thus play wonderful game. Tell everyone art of living. The world will play and sing.   रचयिता रवीन्द्र शर्मा, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसवार, विकास क्षेत्र-परतावल, जनपद-महराजगंज,उ०प्र०।

महिला सशक्तीकरण , 183,अमृता सिंह, वाराणसी

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महिला सशक्तीकरण ,अमृता सिंह, वाराणसी * 👩‍👩‍👧‍👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-183 * https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2528889354055313&id=1598220847122173 * मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी * (दिनाँक- 31दिसम्बर 2019) * नाम--अमृता सिंह * * पद नाम- स अ (विज्ञान) * * विद्यालय- पू. मा. वि. दानियालपुर * * वि. क्षे.- हरहुआ, वाराणसी * * सफलता एवं संघर्ष की कहानी :- * 👉 विभाग में प्रथम नियुक्ति 2013 में प्राथमिक विद्यालय महदेपुर हरहुआ वाराणसी में हुई । वहाँ पर बच्चों के प्रति वात्सल्य भाव से अध्यापन कर रही थी कि उसी दौरान पूर्व माध्यमिक स्तर में विज्ञान व गणित अध्यापकों की भर्ती निकलने पर आवेदन किया जिसमें चयनित होकर सन 2015 में पू. मा. वि. दानियालपुर हरहुआ वाराणसी में नियुक्त हुई। यहाँ आने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक व अन्य सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त हुआ जिससे अपनी कार्यशैली को मूर्तरूप देने में बहुत ही आसानी हुई।       विद्यालय पर पढ़ाने के साथ साथ अन्य गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों का सर्व...

नववर्ष 2020

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नववर्ष 2020 नववर्ष का नया प्रभात, नवनीत सा निर्मल हो जाए, प्रेम निहित निश्छल मन में, नई उम्मीद फिर से लहराये।। नए स्वप्न सलोने लेकर के, जब वो नन्हीं आँखें सो जाएँ, फिर सूर्य उगे नवजीवन का, हर स्वप्न हकीकत बन जाए।। सौ रंग आकर संवर उठे, सतरंगी प्रकाश रवि चमकाये, हर मानव मन यूँ महक उठे, फिर जीवन सबका मुस्काये।। निंदा, क्रोध का त्याग करें, और प्रेम प्रकाश सब फैलायें, मेरे भारत के जन-मन में, निज राष्ट्रप्रेम फिर लहराये।। नतमस्तक होकर ये माँग रही, प्रभु इस वर्ष कुछ ऐसा हो जाए, भेद-भाव और द्वेष मिटा, हर मन में भारत बस जाए।। छात्र हित से जुड़ा हर शिक्षक, मिशन परिवार से जुड़ जाए, और समर्पण की इस बगिया में, हर बच्चा फिरसे खिल जाए।। रचयिता मीनाक्षी उनियाल, रा0 प्रा0 वि0 बयेडा, विकास खण्ड-बीरोंखाल, जनपद-पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड।

विद्यालय में जिंदगियाँ

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विद्यालय में जिंदगियाँ खिल खिलकर जैसे आती है पौधों में कलियाँ, वैसे खिलकर आती है विद्यालय में जिंदगियाँ, नया करेंगे नया बुनेंगे, नयी-नयी राहों को चुनेंगे, जलाएँगे नए ज्ञान का दीपक, बढ़ती जाए छोटे कदमों की दुनिया। खिल खिलकर जैसे आती है पौधों में कलियाँ।। अध्यापक बनकर एक माली, बनाता है सुंदर सी बगिया, बनकर उनका पथ- प्रदर्शक, भरता है ढेरों सी खुशियाँ, जहाँ उगे है ज्ञान का सूरज वह है विद्यालय की चौखटिया, विद्यालय है मंदिर- मस्जिद, विद्यालय है कर्म की दुनिया। खिल खिलकर जैसे आती है पौधों में कलियाँ।। बनकर उभरेंगे एक सितारा, बदलेंगे अपने देश की काया, भगाकर अंधकार का साया, देश मे फैलाएँगे प्रकाश की माया, नन्हें-नन्हें कदमों से बढ़कर, दुनिया में बनाएँगे अपना गलियारा, डॉक्टर, इंजीनियर, अध्यापक रुप मे हमारे अंदर देश हित समाया। खिल खिलकर जैसे आती है पौधों में कलियाँ।। रचयिता निर्मला सिंह, सहायक अध्यापक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय छीछा, विकास खण्ड-खजुहा,  जनपद-फतेहपुर।

नये वर्ष का नया सवेरा

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नये वर्ष का नया सवेरा तर्ज - तुम्हारी नजरों में हमने....... नये वर्ष का नया सवेरा, कहे ये सबसे पुकार करके, बनाओ अपना भविष्य उज्जवल, उठो खडे हो हुंकार भरकर।    नये हों संकल्प नये विकल्प हों,    हौसले हों बुलंद अपने,    परे हों परिणाम कल्पना से,    रहे ये जीवन मिसाल बनकर। हो स्वच्छ अपना ये देश प्यारा, फैलाएँ संदेश ये जन-जन तक, दूर हो गंदगी मन से सभी के, फिर गीत गाएँ, जन गण मन के।      न आवें बहकावे में किसी के,      निर्णय लें अपने विचार करके,      बढे देश में भाईचारा,      न फैलें दंगे भयावह बनकर। अमन हो कायम वतन मे अपने, हृदय हों अपने विशाल इतने, सभी धर्मों का करें हम आदर, रहे ये भारत महान बनकर।     बनें नागरिक स्वस्थ और शिक्षित    हों स्वस्थ अपने विचार इतने,    भला ही सोचें सदा सभी का,    नयी हों आशाएँ जिंदगी में। सभी को हैं शुभकामनाएँ मेरी, फलक पे चमके सितारे बनकर, न आएँ पल भर कष्ट जिंदगी में, महके ये जीवन बहार ब...