मानवता भरा क्रिसमस
मानवता भरा क्रिसमस
क्रिसमस आया! क्रिसमस आया!
देखो! कितनी खुशियाँ लाया।
जन्मदिन प्रभु ईसा मसीह का,
ईसाई पर्व श्रद्धा- भक्ति का।
गाये जा रहे हैं चर्च में कैरल,
जन्मोत्सव के जलते कैंडल।
तारे- सितारे, कार्ड, लड़ियों से
घर- घर में क्रिसमस ट्री सजे,
उन पर टाॅफी, चॉकलेट, कैंडी बँधें।
और इच्छा, अरमानों के मोजे भरे।
संत निकोलस की यह प्रथा,
देखो खुशियाँ बाँट रहा संता।
रेंडियर पर हो के सवार,
ठंडी बर्फिली हवाओं के पार।
संता लाये ढेरों उपहार,
हर ओर जिंगल बेल्स की गूंजार।
कोई भी हो जाति या धर्म,
पर उच्च हो मानवता कर्म।
सब मिलकर करें प्रयास,
कोई न हो दु:खी -उदास ,
मैरी क्रिसमस बन जाए खास।
क्रिसमस आया! क्रिसमस आया!
देखो! कितनी खुशियाँ लाया।।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
देखो! कितनी खुशियाँ लाया।
जन्मदिन प्रभु ईसा मसीह का,
ईसाई पर्व श्रद्धा- भक्ति का।
गाये जा रहे हैं चर्च में कैरल,
जन्मोत्सव के जलते कैंडल।
तारे- सितारे, कार्ड, लड़ियों से
घर- घर में क्रिसमस ट्री सजे,
उन पर टाॅफी, चॉकलेट, कैंडी बँधें।
और इच्छा, अरमानों के मोजे भरे।
संत निकोलस की यह प्रथा,
देखो खुशियाँ बाँट रहा संता।
रेंडियर पर हो के सवार,
ठंडी बर्फिली हवाओं के पार।
संता लाये ढेरों उपहार,
हर ओर जिंगल बेल्स की गूंजार।
कोई भी हो जाति या धर्म,
पर उच्च हो मानवता कर्म।
सब मिलकर करें प्रयास,
कोई न हो दु:खी -उदास ,
मैरी क्रिसमस बन जाए खास।
क्रिसमस आया! क्रिसमस आया!
देखो! कितनी खुशियाँ लाया।।
रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।
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