गणित का जादूगर

गणित का जादूगर

आओ जानें गणित के जादूगर को,
22 दिसम्बर इरोड तमिलनाडु में जन्मे श्री निवास रामानुजन को।
प्रश्नों को पूछना, उत्तर जानना
जिज्ञासा की गुत्थी सुलझाना।
संसार का पहला पुरुष कौन?
पृथ्वी बादल की दूरी पर गुरु भी मौन!
भागफल क्या होगा! शून्य का शून्य से भाग देकर?
स्कूल समय में काॅलेज की मैथ्स पढ़ डाली।
पूत के पाँव पालने में झलक कर डाली।
गणित में मिला ना कोई विशेष प्रशिक्षण!!
दे संख्या सिद्धांत किया विश्लेषण।
कक्षा 11वीं से पाँच वर्ष संघर्ष भरे,
स्वयं पर विश्वास से प्रयत्नशील रहे।
प्रथम शोध रहा बरनौली संख्याओं के गुण,
जर्नल ऑफ इंडियन मैथेमेटिकल सोसायटी में प्रकाशन।
प्रोफेसर हार्डी, श्री निवास के बने जौहरी,
रामानुजन   हीरे  के  थे    पारखी।
हार्डी से मिला 100/100 का पैमाना,
नतमस्तक हुआ श्री निवास की प्रतिभा का जमाना।
गणित चिर जीवनकाल में रहा विलक्षण,
3,884  प्रमेयों का किया संकलन।
मात्र 33 वर्ष की आयु में भारत ने खोया लाल,
जिसकी विद्वता से संपूर्ण विश्व निहाल।
22 दिसम्बर दिन गणित दिवस से देते हैं सम्मान,
नमन आपको विश्व के गणितज्ञ महान।

रचयिता
प्रियंशा मौर्य,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय चिलार,
विकास क्षेत्र-देवकली,
जनपद-गाजीपुर।

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